नई दिल्ली,। लंदन में लॉर्ड्स मैदान अपने आप में किसी इतिहास से कम नहीं है। सवा 220 साल से भी ज्यादा समय पहले से यहां क्रिकेट का मैदान रहा है। यही कारण है कि लॉर्ड्स को क्रिकेट का मक्का और क्रिकेट का घर(Home of Cricket) नाम से सुशोभित किया गया है। इस स्टेडियम में अब तक तीन विश्व कप के फाइनल हो चुके हैं। वहीं, छोटी-बड़ी सीरीजों के फाइनल की गिनती की जाए तो इसकी संख्या दर्जनों में होगी।

मौजूदा ग्राउंड तीसरी बार बना है, क्योंकि इससे पहले जब 1787 में लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड बनाया गया था तो इसे तोड़ दिया गया, जहां अब एक स्टैंड बना हुआ है। 1813 में फिर से इस ग्राउंड को बनाया गया, लेकिन वो भी ज्यादा दिन तक नहीं चला, लेकिन तीसरी बार जब इसका कंस्ट्रक्शन किया गया तो आज तक ये अपने पैरों पर खड़ा हुआ है। 30 हजार की दर्शक क्षमता वाला ये ग्राउंड दुनिया के सबसे चौड़े ग्राउंड्स में से एक है, क्योंकि इसकी बाउंड्री काफी लंबी और चौकोर हैं।

आपको बता दें, लंदन के इस ऐतिहासिक ग्राउंड में पहला अंतरराष्ट्रीय मैच आज से ठीक 136 साल पहले खेला था। 21 जुलाई 1884 को मेजबान इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच लॉर्ड्स में पहला इंटरनेशनल टेस्ट मैच खेला गया था। 21 जुलाई से शुरू होकर ये मैच 23 जुलाई 1884 को समाप्त हुआ था। पहले मैच में नतीजा भी निकला था, जिसमें ऑस्ट्रेलियाई टीम को पारी और 5 रन से हार का सामना करना पड़ा था। लॉर्ड हैरिस की कप्तानी में इंग्लैंड यहां पहला मैच जीता था।

ऑस्ट्रेलियाई टीम ने इस मुकाबले में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी चुनी थी और पहली पारी में सभी विकेट खोकर 229 रन बनाए थे। कंगारू टीम की ओर से टुप स्कॉट ने 75 और जॉर्ज जिफेन ने 63 रन की पारी खेली थी। इंग्लैंड की ओर से टीड पीट ने 6 विकेट अपने नाम किए थे। वहीं, इंग्लैंड ने पहली पारी में 184.1 ओवर बल्लेबाजी की और 379 रन बनाए। इंग्लिश टीम की ओर से मध्य क्रम के बल्लेबाज ऐलन स्टील ने 148 रन की शानदार पारी खेली थी।

पहली पारी में मेजबान टीम इंग्लैंड को 150 रन की बढ़त हासिल किए। कंगारू टीम के गेंदबाज जोय पॉल्मर ने 6 विकेट चटकाए थे। इसके बाद दूसरी पारी में बल्लेबाजी करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम महज 145 रन पर ढेर हो गई और ये मुकाबला कंगारू टीम पारी और 5 रन के अंतर से गंवा बैठी। ये तीन मैचों की सीरीज का दूसरा मुकाबला था, जिसे इंग्लैंड ने जीता। सीरीज का पहला और आखिरी मैच ड्रॉ खेला गया था। इस पारी में इंग्लैंड के जॉर्ज उल्येट ने 7 विकेट निकाले थे।

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