नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को जिस गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की शुरुआत की है वो देश की अर्थव्यवस्था को नई गति देने वाला साबित होगा। ये दरअसल एक ऐसा डिजीटल मंच है जिसके जरिए रेल और सड़क समेत करीब 16 मंत्रालय आपस में जुड़ जाएंगे। इसका मकसद बुनियादी ढांचा संपर्क परियोजनाओं की एकीकृत योजना बनाना है। इसके तहत इन मंत्रालयों ने उन सभी योजनाओं को इस प्लान में डाल दिया है जिनको पूरा करने का लक्ष्य 2024-25 है।
ये देश में एक समग्र बुनियादी ढांचे की नींव रखेगा। इसके जरिए 100 लाख करोड़ की योजनाओं को तेजी के साथ लागू करने में मदद मिलेगी। आपको बता दें कि प्रधानमंत्री ने इसकी घोषणा 15 अगस्त को स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ पर की थी। केंद्र की तरफ से सभी राज्यों को इससे जुड़ने को कहा गया है। इससे देश भर में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के उचित कार्यान्वयन में मदद मिलेगी। इतना ही नहीं इससे सामने आने वाले आंकड़ों का उपयोग भविष्य में निजी क्षेत्र भी कर सकेंगे।
इसको सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) के तहत भास्कराचार्य राष्ट्रीय अंतरिक्ष अनुप्रयोग और भू-सूचना विज्ञान संस्थान ने विकसित किया है। इसके जरिए सभी परियोजनाओं की निगरानी और कार्यान्वयन का काम उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) देखेगा। एक राष्ट्रीय योजना समूह इससे जुड़ी परियोजनाओं का नियमित जायजा लेगा। कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों का एक अधिकार प्राप्त समूह गठित किया जाएगा जो मास्टर प्लान में बदलाव को अनुमति दे सकेगा।
इसमें विभिन्न इकोनॉमिक जोन में मल्टीमोडल कनेक्टिविटी इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए एक सेंट्रल नेशनल मास्टर प्लान होगा. इसमें नेशनल हाईवे, रेलवे के फ्रेट कॉरिडोर, गैस पाइपलाइन, एयरपोर्ट, एविएशन, दवाओं, इलेक्ट्रानिक आइटम, फूड प्रोसेसिंग मैन्युफैक्चरिंग, डिफेंस प्रोडेक्शन, इंडस्ट्रियल कारिडोर शामिल हैं।
इसके फायदे
- उद्योगों की कार्य क्षमता बढ़ाने में मिलेगी मदद
- स्थानीय विनिर्माताओं को मिलेगा बढ़ावा
- उद्योगों के बीच बेहतर होने को लेकर प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी।
- भविष्य के आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण के लिए नई संभावनाओं के विकास को मदद मिलेगी।
- इससे असंबद्ध योजनाओं की समस्या को दूर किया जा सकेगा।
- थ्री डी विज्वलाइजेशन मैपिंग से कम लागत आएगी।
- डैशबोर्ड आधारित पीरियाडिक मानिटरिंग, प्लानिंग टूल, और सैटेलाइट से मिली इमेजेस का भी सहारा लिया जाएगा।
- इसके तहत सभी मंत्रालयों को एक लागिन आईडी दी जाएगी, जिसके जरिए वो डाटा को अपडेट कर सकेंगे। इस पर डाले गए सभी डाटा एक प्लेटफार्म पर इंटीग्रेट होंगे।