नई दिल्‍ली, एएनआइ। देश में कोरोना वायरस के प्रसार को लेकर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में आइसीएमआर के महानिदेशक प्रोफेसर (डॉ.) बलराम भार्गव ने कहा कि भारत इतना बड़ा देश है। यहां कोरोना वायरस की व्यापकता बहुत कम है। भारत में कोरोना वायरस कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन के फेज में नहीं है। देश में अब तक 0.73 फीसद आबादी ही कोरोना वायरस से संक्रमित हुई है। यहां कोविड-19 मरीजों की मृत्यु दर भी दुनिया में सबसे कम है। इस दौरान उन्‍होंने सिरो सर्वे के नतीजों की जानकारी दी।

गौरतलब है कि पिछले दिनों दिल्‍ली के उपमुख्‍यमंत्री मनीष सिसौदिया और स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सत्‍येंद्र जैन ने कहा था कि दिल्‍ली में कोरोना वायरस का कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन हो चुका है, लेकिन इस बारे में घोषणा करने का अधिकार केंद्र अधिकार को है। आइसीएमआर की इस घोषणा के बाद अब कम्‍युनिटी ट्रांसमिशन की अटकलों को लेकर विराम लग सकता है।

देश की बड़ी आबादी पर कोरोना संक्रमण का खतरा बरकरार

डॉ. बलराम भार्गव ने यह भी कहा कि हमारी बड़ी आबादी अब भी खतरे में है, इसलिए कोरोना संक्रमण देश के कई हिस्‍सों मं तेजी से फैल सकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण इलाकों के मुकाबले शहरी क्षेत्रों में 1.09 और शहरी झुग्गी बस्तियों में 1.89 गुना ज्यादा खतरा है। ऐसे में हमें इलाज और दवाइयों के इतर बचाव की सारी सावधानियां बरतने पर जोर देना होगा। शहरों के झुग्गी बस्तियों में संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है। राज्य सरकारों को स्थानीय स्तर पर लॉकडाउन लागू करना होगा। उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन में संक्रमण का स्तर बहुत ज्यादा पाया गया है।

सिरो सर्वे के बारे में बताते हुए डॉ.बलराम भार्गव ने कहा कि इस सर्वे से कई महत्वपूर्ण बातों का पता चलता है। सिरो सर्वे का मतलब है कि आम आदमी के एंटीबॉडी की जांच करते हैं। इस जांच के लिए लोगों का ब्लड के नमूने लेकर एंटीबॉडीज की जांच की जाती है। अगर कोई व्यक्ति IgG पॉजिटिव है तो इसका मतलब है कि वो सार्स-कोव-2 से संक्रमित था। डॉ. भार्गव ने कहा कि इस सर्वे से पता चलता है कि कुल कितना प्रतिशत आबादी वायरस से संक्रमित हो चुकी है? किस-किस व्यक्ति में संक्रमण का ज्यादा खतरा है?

83 जिलों के 26,400 लोगों पर सर्वे

उन्होंने कहा कि सिरो सर्वे के लिए देश के 83 जिलों के 28,595 घरों का दौरा किया और 26,400 लोगों के खून के नमूने लिए गए। सर्वे में पाया गया कि इन जिलों में 0.73 फीसद लोगों में ही संक्रमण के सबूत मिले। उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि लॉकडाउन का सकारात्मक असर हुआ और वायरस के संक्रमण के तेज फैलाव पर रोक लगी। कई जिलों में कोरोना से मृत्यु दर बहुत ही कम है। हालांकि सभी को मास्क लगाना, हाथ धोना और शारीि‍रिक दूरी बनाए रखना जरूरी है।

डॉ. बलराम भार्गव बलराम भार्गव ने कहा कि राज्य अपने गार्ड को कम नहीं कर सकते और COVID19 के प्रसार को रोकने के लिए प्रभावी निगरानी और रोकथाम रणनीतियों को लागू करने की आवश्यकता है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि आज देश का रिकवरी रेट 49.21% है, अब देश में रिकवर हो चुके लोगों की संख्या सक्रिय मामलों की संख्या से ज्यादा है। 11 जून तक हमारे देश में 1,41,028 लोग रिकवर हो चुके हैं। हमें तुलना उसी देश से करनी चाहिए जिसकी जनसंख्या हमारे देश के लगभग समान है। जिन देशों की जनसंख्या हमारे देश के अनुपात में काफी कम है उनके साथ हम तुलना नहीं कर सकते।

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कोरेाना वायरस की मौतों को लेकर दिल्ली सरकार और एमसीडी के आंकड़ों में अंतर को लेकर संयुक्‍त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देशव्यापी मौत की रिपोर्ट राज्यों के आंकड़ों के आधार पर संकलित की जाती है। अगर राज्यों को ‘मौत के आंकड़े’ संकलित करने में एक या दो दिन और लगते हैं। इस कारण संख्या में बदलाव होता है। अगले 2-3 दिनों में संख्याओं का हिसाब किया जाता है।

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