लोकसभा चुनावों में बनारस की सीट किसी मैदान-ए-जंग से कम नहीं दिख रही है। भाजपा के पीएम पद के दावेदार नरेंद्र मोदी के पूर्वांचल की इस सीट से लड़ने के फैसले के बाद आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल ने उनके खिलाफ उतरने का ऐलान कर दिया।
इसके अलावा काफी दिन चली मशक्कत के बाद कांग्रेस इस फैसले पर पहुंची कि उसके लिए स्थानीय नेता अजय राय से बढ़िया दांव और कोई साबित नहीं हो सकता।
जाहिर है, मुकाबला त्रिकोणीय है और सबसे ज्यादा दिलचस्प भी। बनारस में 12 मई को वोटिंग होनी है, लेकिन इससे पहले एक पोल आया है, जो मोदी के विरोध में उतरे नेताओं की नींद उड़ाने के लिए काफी है।
मोदी को 56 फीसदी, बाकी को 44 फीसदी?
इंडिया टुडे ग्रुप और सिसेरो ने मिलकर जो पोल कराया, उसके मुताबिक नरेंद्र मोदी को मिलने वाले संभावित वोटों की तादाद कांग्रेस के अजय राय, आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के कैलाश नाथ चौरसिया और बहुजन समाज पार्टी के विजय प्रकाश जायसवाल के संयुक्त वोट शेयर से भी ज्यादा होगी।
अजय राय को 15 फीसदी, अरविंद केजरीवाल को 10 फीसदी, कैलाश नाथ चौरसिया को 9 फीसदी और विजय प्रकाश जायसवाल को 7 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद जताई गई है। मोदी को 56 फीसदी वोट मिलने की संभावना है।
मोदी का बनारस से लड़ने का फैसला क्या उत्तर प्रदेश, बिहार और दूसरे हिंदी भाषी राज्यों में भाजपा को कुछ फायदा पहुंचाएगा, इस पर सर्वे में शामिल लोगों में से 51 फीसदी ने हां कहा।
मोदी को मिलेगा सभी समुदायों का साथ?
बनारस उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल बेल्ट की अहम सीट है और इस इलाके की सियासत का असर पड़ोस के बिहार में भी होता है, जहां छह सीटों पर 12 मई को वोट पड़ने है।
पोल की सबसे अहम बात यह है कि मोदी को लगभग सभी समुदायों के 40 फीसदी से ज्यादा वोटरों का साथ मिल सकता है। परंपरागत रूप से मायावती की बसपा के साथ रहने वाले जाटव और कांग्रेस का वोट बैंक मुस्लिम के अलावा दूसरे सभी समुदायों के मामले में ऐसा है।
इसके अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग के 78 फीसदी वोट भी गुजरात के मुख्यमंत्री का साथ दे सकते हैं। पोल के मुताबिक बनारस के 44 फीसदी ब्राह्मण, 80 फीसदी राजपूत, 81 फीसदी वैश्य, 67 फीसदी भूमिहार, 76 फीसदी अगड़ी जाति, 65 फीसदी कुमरी-कोएरी और 53 फीसदी दलितों के वोट मिलेंगे।
जाटव अब भी मायावती के साथ
जाटवों के मामले में देखें, तो 44 फीसदी बसपा और 33 फीसदी भाजपा का साथ दे सकते हैं। 40 फीसदी मुस्लिम कांग्रेस, 21 फीसदी आम आदमी पार्टी और 17 फीसदी भाजपा के साथ जा सकते हैं।
बनारस के ग्रामीण और शहरी इलाकों में वोट शेयर के मामले में भी भाजपा ज्यादा अंतर नहीं देख रही है। पार्टी को ग्रामीण इलाकों से 49 फीसदी और शहरी वोटर का 61 फीसदी हिस्सा अपना समर्थन दे सकता है।
यह पूछने पर कि देश का अगला पीएम कौन बनना चाहिए, 57 फीसदी ने मोदी, 12 फीसदी ने राहुल और 10 फीसदी ने केजरीवाल का नाम लिया। 9 फीसदी मुलायम सिंह यादव और 7 फीसदी मायावती के साथ थे।
पोल पर अरविंद केजरीवाल बिफरे
जब यह पूछा गया कि मोदी, अजय और केजरीवाल में से कौन सबसे बेहतर बनारस के मुद्दों और लोगों को समझता है, 52 फीसदी ने एक बार फिर मोदी का नाम लिया।
हालांकि, इस सर्वे पर अरविंद केजरीवाल बिफर पड़े हैं। उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर जमकर गुस्सा निकाला। और तो और, उन्होंने पोल करने वाले चैनल के मोदी के हाथों बिकने तक के आरोप लगा दिए।
दरअसल, दिल्ली की सियासत को हिलाने के बाद लोकसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल ने अमेठी और बनारस जैसी दो सीटों पर अपनी सारी ताकत झोंकने का दावा किया है।
पोल करने वाले चैनल पर बोला हमला
अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार रात ट्वीट किया, “तो आप चुनावों से ठीक 48 घंटे पहले केवल मोदी के लिए पोल का आयोजन करा रहे हैं? ऐसा क्यों है? क्या डील हुई है?”
उन्होंने लिखा, “क्या बीते एक साल में आपने किसी और लोकसभा क्षेत्र के लिए वोटिंग से 48 घंटे के पहले ऐसा कोई पोल किया है? राहुल गांधी? सोनिया गांधी? शीला दीक्षित? आडवाणीजी? नहीं ना?”
गुस्साए केजरीवाल ने चैनल के मालिक अरुण्ा पुरी तक पर सवाल उठा दिए। उन्होंने लिखा, “चुनावों से 48 घंटे पहले अरुण पुरी ने एक खास सीट के लिए यह फर्जी पोल कराया है। क्यों? आपकी मंशा क्या है पुरी साहब?”
दिल्ली में भी गलत साबित कियाः केजरीवाल
अरविंद केजरीवाल यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे लिखा, “क्या अरुण पुरी का समूह पोल नहीं कर सकता या फिर वो पोल करने के लिए पैसा लेता है? अरुण् पुरी को स्पष्टीकरण देना होगा।”
उन्होंने कहा, “दिल्ली चुनावों से पहले अरुण पुरी ने हमें 6 सीट दी थीं, लेकिन हमें 28 सीटें मिलीं। क्या अरुण पुरी देश को भ्रम में डालने के लिए माफी मांगेंगे?”
केजरीवाल ने लिखा, “आज तक पूरी तरह से फर्जी पोल चला रहा है। क्या मोदी के हाथ बिक गए हैं। अरुण पुरी ने अपनी आत्मा बेच दी है?” हालांकि, चैनल की तरफ से अब तक केजरीवाल के आरोपों का कोई जवाब नहीं आया है।