दिल्ली सिटी सफर कुश्ती की वैश्विक संस्था (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआइ) को करारा झटका दिया। यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने सभी देशों के राष्ट्रीय महासंघों से कहा है कि वे डब्ल्यूएफआइ के साथ किसी भी प्रकार का कोई संबंध नहीं रखें।

पुलवामा में आतंकी हमले में भारत के 40 से ज्यादा सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए थे जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के संबंध में तनाव जारी है। इस बीच, फरवरी में भारत में हुए निशानेबाजी विश्व कप में पाकिस्तान के दो निशानेबाजों को वीजा नहीं दिया गया और वे दो निशानेबाज यहां हिस्सा नहीं ले पाए थे। इसके बाद अंतरराष्ट्रीय निशानेबाजी महासंघ ने इस विश्व कप से 16 ओलंपिक कोटे की जगह 14 कर दिए थे।

हालांकि इसके बाद अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (आइओसी) ने कहा था कि अगर यही माहौल रहा तो भारत अंतरराष्ट्रीय खेलों की मेजबानी गंवा सकता है। फरवरी में आइओसी ने इसकी निंदा की थी। इसी को देखते हुए यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने यह फैसला सुनाया। यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने सभी राष्ट्रीय महासंघों को डब्ल्यूएफआइ के साथ उनसे जुड़ी कोई बातचीत करने से मना किया है। यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने सभी राष्ट्रीय महासंघों को एक पत्र लिखा जिसमें यह आदेश दिया गया है। यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने आइओसी से मिली जुली प्रतिक्रिया देते हुए लिखा, भारत का व्यवहार किसी भी एथलीट के खिलाफ गैर-भेदभाव के मुख्य ओलंपिक सिद्धांत के खिलाफ है। यूडब्ल्यूडब्ल्यू सभी महासंघों को डब्ल्यूएफआइ के साथ अपनी चर्चा और संबंधों को निलंबित करने की सिफारिश करता है। यह केवल तब तक है जब तक कि भारत सरकार आइओसी के अल्टीमेटम के अनुसार लिखित आश्वासन प्रदान नहीं करता। यह निर्णय अब तक के आइओसी का सबसे बड़ा आदेश है।

इससे पहले आइओसी ने पाकिस्तान के निशानेबाजों को वीजा से वंचित करने के बाद भारत में ओलंपिक कार्यक्रमों की मेजबानी की बातचीत को निलंबित कर दिया था। आइओसी ने कहा था कि भारत को किसी भी खेल कार्यक्रम के लिए तब तक मेजबानी नहीं मिलेगी जब तक कि भारत सरकार भविष्य के आयोजन के लिए लिखित आश्वासन नहीं देती। यूडब्ल्यूडब्ल्यू के आदेश से निकट भविष्य में किसी भी अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम की मेजबानी करने की भारत की संभावनाएं प्रभावित हो सकती है और दुनिया भर में यूडब्ल्यूडब्ल्यू टूर्नामेंटों में भारतीय पहलवानों और रेफरी की भागीदारी भी संशय में पड़ गई है।

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