चंडीगढ़, जेएनएन-पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद नवजाेत सिंह सिद्धू ने बड़ा बयान दिया है। उन्होने एक वीडियो जारी कर कहा कि उनका इस्तीफा पंजाब के हितों व नैतिकता के सवाल पर है। मैं इनसे समझौता नहीं करुंगा। जीवन में अंतिम सांस तक सच्चाई और पंजाब के हितों की लड़ाई लड़ता रहूंगा। न हाईकमान को गुमराह करूंगा न होने दूंगा।
उन्होंने कहा कि पंजाब के लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के मकसद के लिए लड़ता रहूंगा। मेरे लडा़ई निजी लड़ाई नहीं है , यह हक और मुद्दे की लड़ाई है। कोई पद मायने रखता ही नहीं था और आगे भी रहेगा। मैं गुरु के आदर्शों व दिखाए मार्ग पर चलूंगा। सिद्धू ने चरणजीत सिंह सरकार पर सवाल उठा दिए और कहा कि इस सरकार का तरीका भी कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरह ही है, कुछ नहीं बदला है। नवजाेत सिंह सिद्धू ने अपने ट्विटर हैंडल पर बुधवार को एक वीडियो डालकर अपने इस्तीफे पर अपना पक्ष रखा। सिद्धू ने कहा कि मेरे लिए पद नहीं सिद्धांत और मकसद अहम है। मैं नैतिकता और पंजाब के हितों से समझौता नहीं सकता। सिद्धू ने कहा कि वह कांग्रेस हाईकमान को गुमराह नहीं कर सकता। मैं ने कांग्रेस नेतृत्व को कोई गुमराह नहीं किया है।
सिद्धू बोले- मैं अड़ूंगा और लड़ूंगा, सब जाता है तो जाए। उन्होंने कहा कि दागी अफसरों को पंजाब का पहरेदार बर्दाश्त नहीं कर सकता। उन्होंने डीजीपी बनाए गए आइपीएस इकबाल प्रीत सिंह सहोता काे हवाला देते हुए कहा कि बादलों को क्लीनचिट देने वालों को उत्तरदायित्व दिया जा रहा है। सुमेध सैनी को ब्लैंकेट बेल दिलाने वाले को एजी लगा दिया गया। मांओं की कोख उजाडऩे वालों, बच्चों पर जुल्म करने वालों को पंजाब का पहरेदार बनाया जा रहा है। बता दें कि सहोता 2015 में गठित उस विशेष जांच दल के सदस्य थे। इसे बेअदबी मामले पर तत्कालीन अकाली सरकार ने गठित किया था।
सिद्धू ने कहा कि पंजाब के हित मेरे लिए सबसे ऊपर हैं और मैं उससे समझाैता नहीं कर सकता। उन्होंने पंजाब के नए एडवोकेट जनरल (AG) और कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जिन लोगाें ने बेदअदबी के लिए दोषी लोगों को सुरक्षा दी और उनके केस लड़े उनकी नियुक्तियां हो रही हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में हालात वही हैं जो कैप्टन अमरिंदर सिंह के समय थे। उन्होंने कुछ अधिकारियों की तैनाती पर भी सवाल उठाए हैं।