लद्दाख के गलवान घाटी में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इस झड़प पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि गलवान घाटी क्षेत्र की संप्रभुता हमेशा चीन से संबंधित रही है. चीन नहीं चाहता है कि आगे किसी तरह भी की तरह की झड़प हो.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा कि गालवान घाटी क्षेत्र की संप्रभुता हमेशा चीन से संबंधित रही है. सीमा से जुड़े मुद्दों और हमारी कमांडर स्तर की वार्ता की सर्वसम्मति पर के बाद भी भारतीय सेना ने सीमा पार किया. भारतीय सेना ने हमारी सीमा प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया है.

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चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा कि हम भारत से अपने सीमावर्ती सैनिकों को सख्ती से अनुशासित करने, उल्लंघन और उकसावे वाली गतिविधि को एक बार में रोकने, चीन के साथ काम करने की सलाह देते हैं. हम भारत को बातचीत के माध्यम से मतभेदों को सुलझाने के लिए सही रास्ते पर वापस आने के लिए कहते हैं.

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि हम राजनयिक और सैन्य अफसरों के माध्यम से बातचीत कर रहे हैं. इसका सही और गलत होना बहुत स्पष्ट है. हिंसक झड़प की घटना एलएसी के चीनी पक्ष में हुई और चीन इसके लिए दोषी नहीं है. हम और हिंसक झड़प नहीं चाहते हैं. मामले का हल बातचीत के जरिए निकाला जा सकता है.

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गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच काफी दिनों से लद्दाख सीमा पर चल रहा तनाव अब अपने चरम पर पहुंच चुका है. बीते सोमवार रात को गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों और चीनी सेना के बीच झड़प हो गई. चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए हैं.

इस झड़प में चीन को भी काफी नुकसान हुआ है. बताया जा रहा है कि चीनी सेना के कमांडिंग अफसर की भी मौत हो गई है. इसके साथ ही 35 से अधिक चीनी जवानों की मौत हुई या वो गंभीर रूप से घायल हैं. दोनों देशों के बीच अब तक बातचीत बेनतीजा रही है. इस वजह से लद्दाख सीमा पर तनावपूर्ण माहौल है.

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