नई दिल्ली, कांग्रेस में बदलाव और सुधार को लेकर उठ रही तेज आवाज के बाद अब लगने लगा था कि सोमवार को हुई सीडब्लूसी बैठक में इस पर चर्चा होगी। लेकिन ऐसा होने की बजाय खेमेबाजी फिर तेज दिखी, आरोपों के कीचड़ उछले और विद्रोह के तेवर तैयार होने लगे। जैसा पहले से तय था दो दर्जन वरिष्ठ नेताओं की ओर से फुलटाइम कांग्रेस अध्यक्ष की मांग के बाद सोमवार को सोनिया गांधी ने इस्तीफे की पेशकश कर दी। लेकिन उनके तुरंत बाद बोलने वाले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें बरकरार रहने का आग्रह किया और उसके बाद कई नेताओं ने भी यही आग्रह किया।

स्थिति तब बिगड़ गई जब राहुल गांधी ने कथित रूप से वरिष्ठ नेताओं पर ही आरोप जड़ दिया और कहा कि ऐसा पत्र लिखने वाले नेता भाजपा के साथ तालमेल कर रहे हैं। राहुल के आरोप पर गुलाम नबी आजाद का यह कहना कि अगर भाजपा से उनकी मिलीभगत साबित हो जाए तो वह इस्तीफा दे देंगे। कपिल सिब्बल की ओर से राहुल का नाम लेते हुए सीधा ट्वीट किया गया कि अपने लंबे राजनीतिक जीवन में उन्होंने कभी भी भाजपा का समर्थन नहीं किया। ये दोनों बयान बहुत कुछ कहते हैं।

हालांकि कुछ देर बाद राहुल के बयान को लेकर लीपापोती भी शुरू हो गई है। पहले सिब्बल ने अपने ट्वीट को वापस ले लिया और कहा कि राहुल ने उन्हें खुद बताया कि उन्होंने भाजपा से मिलीभगत होने जैसी कोई बात नहीं की है। बाद में आजाद का भी बयान आया कि राहुल ने ऐसा कुछ नहीं किया। पर अचरज की बात है कि ट्वीट पर सक्रिय रहने वाले राहुल की ओर से सार्वजनिक तौर पर कोई ट्वीट या बयान नहीं आया।

राहुल के बयान की सच्चाई जो भी हो, यह साफ दिखा कि पार्टी में कई अन्य नेता ऐसा ही सोचते हैं। रविवार को भी कुछ नेताओं ने ऐसे वक्त पर पत्र लिखे जाने पर एतराज जताया जब सोनिया गांधी अस्वस्थ हैं। मंशा पर सवाल खड़े किए गए। बताया जाता है कि इस वर्चुअल बैठक से कुछ सदस्य लाग आउट कर गए।

गौरतलब है कि इस बैठक में पार्टी के करीब 40 वरिष्ठ नेता मौजूद थे। पार्टी की बैठक में जिस लेटर बम (चिट्ठी) पर बवाल खड़ा हुआ है, दरअसल वो पत्र पार्टी के शीर्ष 23 नेताओं ने सोनिया को लिखकर मांग की है कि पार्टी को मौजूदा परिस्थितियों में पूर्ण कालिक अध्यक्ष की जरूरत है। ऐसे में जल्द ही किसी को इसकी जिम्मेदारी दी जाए।

प्रियंका, राहुल के साथ खड़ी दिखी

बैठक के बीच छिड़े इस विवाद में प्रियंका गांधी भी भाई राहुल के साथ खड़ी दिखी। उन्होंने चिट्ठी लिखने वाले पार्टी के सभी नेताओं को तगड़ी झाड़ लगाई और कहा कि पार्टी में कभी ऐसा नहीं हुआ है। जो लोग ऐसा कर रहे है, वह समझ लें कि ये सब ठीक नहीं है। उन्होंने कहा कि पार्टी जब राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में संघर्ष कर रही है, ऐसे में इस तरह के सवाल ठीक नहीं है।

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